हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने रविवार को चार जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर में मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे में विभाग ने लोगों से नदी नालों से दूर रहने की अपील की है। लगातार हो रही बारिश से शिमला में चमियाना अस्पताल जाने वाली सड़क मलबा गिरने से बंद हो गई है। वहीं, भट्टाकुफर में भी गाड़ियों पर पत्थर गिरे हैं। इसके साथ ही संजौली वार्ड के बॉथवेल इलाके में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से एक मकान पर मलबा गिर गया है। इसके चलते इस घर में रह रहे मां बेटी अंदर फंस गए हैं। मेयर पार्षद समेत प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डीसी को निर्देश जारी करते हुए कहा कि रेड अलर्ट वाले जिलों में स्कूल बंद रखें। यह निर्णय विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।
मौसम विभाग ने जिला सोलन, सिरमौर, कांगड़ा एवं मंडी के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसी के चलते सोलन, सिरमौर, कांगड़ा एवं मंडी के डीसी ने अपने अपने जिलों में 30 जून 2025 के लिए शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं।मंत्री जगत सिंह नेगी बोले- सभी जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन इकाइयां हाई अलर्ट पर
हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्य में अचानक आई बाढ़ और भारी बारिश पर कहा कि शिमला, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में भारी बारिश हुई है, जिसका कुछ असर कुल्लू क्षेत्र में भी पड़ा है। अचानक आई बाढ़ से जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। धर्मशाला (कांगड़ा जिला) में एक बिजली परियोजना स्थल पर नौ लोग अचानक आई बाढ़ में फंस गए, आठ बह गए और एक बच गया। अब तक छह शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से एक की आज पहचान हुई है। कई क्षेत्रों में सड़क संपर्क, पेयजल योजनाएं और बिजली लाइनें भी प्रभावित हुई हैं। सड़क संपर्क, बिजली और जल व्यवस्था को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। सोमवार को एक समीक्षा बैठक निर्धारित की गई है, जिसमें राजस्व और आपदा प्रबंधन, पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति विभाग और बिजली विभाग के अधिकारी शामिल होंगे, जो स्थिति का आकलन करेंगे और आगे की कार्रवाई की योजना बनाएंगे। सभी जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जिसमें क्षेत्रीय और तहसील स्तर के अधिकारी, विशेष रूप से राजस्व, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ शामिल हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने रविवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन व सिरमौर, जबकि सोमवार को सिरमौर, सोलन, शिमला और बिलासपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। एक से 4 जुलाई तक बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। सोलन, कांगड़ा, मंडी व सिरमौर जिलों के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की भी आशंका जताई गई है।
शनिवार को भी राजधानी शिमला समेत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में झमाझम बारिश हुई है। मंडी, हमीरपुर और ऊना में भी बादल बरसे हैं। बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश में अभी भी 38 सड़कें बंद हैं। मानसून के हिमाचल में दस्तक देने के बाद अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी हुई है। सैंज बैराज, पार्वती-3 और पार्वती-2 बिजली परियोजनाओं में सिल्ट बढ़ने से उत्पादन बंद हो गया है। लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को करीब 70 करोड़ का नुकसान हो चुका है। इसके अलावा मानसून सीजन में 20 से 28 जून के बीच सड़क हादसों में भी 17 लोगों की मौत हुई है व 74 घायल हुए हैं।
कुल्लू में फिर बिगड़ा मौसम का मिजाज, हो रही है हल्की बारिश
जिला कुल्लू में मौसम का मिजाज एक बार फिर बिगड़ गया है। शनिवार रात को कुल्लू में बारिश हुई है। जबकि रविवार सुबह भी हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। ब्यास, पार्वती नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। प्रशासन की ओर से पर्यटकों व आम लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की गई है। वहीं लारजी, एनएचपीसी के पुलगा डैम से पानी छोड़ा गया है।
मंडी में 70 से अधिक सड़क मार्ग बंद
मंडी जिले में लगातार हो रही बारिश से 70 से अधिक सड़क मार्ग बंद हो गए हैं। ट्रांसफार्मर ठप हो जाने से जिले के अलग-अलग हिस्सों में बिजली बाधित हो गई है। इससे पेयजल आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। धर्मपुर के पारछु में एक बार फिर कृत्रिम झील बन गई है इससे धर्मपुर क्षेत्र तक खतरा पैदा हो गया है।
पंडोह डैम के भी पांचों गेट खुले; डैहर पॉवर हाउस में उत्पादन बंद
बीती रात हुई मूसलधार बारिश के बाद ज्यूनी खड्ड और ब्यास नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ गया। जलप्रलय जैसे हालातों से सहमे पंडोह के स्थानीय लोग एक बार फिर डरे हुए हैं। लारजी डैम में प्री-मानसून फ्लशिंग के चलते बीबीएमबी पंडोह डैम ने आज सुबह अपने पांचों स्पिलवे गेट खोल दिए, जिससे ब्यास नदी में पानी का बहाव तेज हो गया है। बीबीएमबी के अधिशाषी अभियंता ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्यास नदी में लगभग 44,000 क्यूसेक पानी का बहाव आ रहा है,जिसे पंडोह डेम के जरिए बराबर मात्रा में आगे छोड़ा जा रहा है,सिल्ट स्तर बढ़कर 4000 PPM तक पहुंच गया है, बग्गी सुरंग को फिलहाल बंद कर दिया गया है, जिससे डैहर पॉवर हाउस में विद्युत उत्पादन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।